son of Sandila
Friday, 25 November 2011
mahengai ka thappad
बेचारे शरद पवार वाह रे किस्मत आप ठैरे सीधे साधे . महेंगाई का थप्पड़ आप ही को पड़ने को रह गया था. लेकिन महेंगाई है ही इतनी तेज़ की वह देखती ही नहीं है की किसे मारना है खैर अब क्या करें लेकिन मीडिया को एक हफ्ते की न्यूज़ आप की वजेह से मिल गई
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